skip to main
|
skip to sidebar
Lets Crash
Friday, August 21, 2009
सर झुका के
सर उठा के मैंने कितनी ख्वाहिशें की थी
कितने ख्वाब देखे थे, कितनी कोशिशें की थी
जब तू रूबरू आया, नज़रें ना मिला पाया
सर झुका के उस इक पल मैंने क्या नहीं पाया
Newer Posts
Older Posts
Home
Subscribe to:
Posts (Atom)
Blog Archive
►
2014
(2)
►
November
(1)
►
September
(1)
►
2013
(12)
►
November
(1)
►
October
(1)
►
September
(2)
►
August
(2)
►
July
(1)
►
June
(1)
►
May
(1)
►
April
(1)
►
March
(2)
►
2012
(6)
►
November
(2)
►
June
(2)
►
February
(1)
►
January
(1)
►
2011
(6)
►
November
(1)
►
September
(1)
►
July
(1)
►
March
(3)
►
2010
(7)
►
September
(1)
►
July
(1)
►
June
(1)
►
April
(3)
►
March
(1)
▼
2009
(3)
▼
August
(1)
सर झुका के
►
May
(2)
►
2008
(11)
►
February
(4)
►
January
(7)
About Me
Amita Singh
आप पहलू में गर बैठें तो संभल कर बैठें, दिल-ए-बेताब को आदत है मचल जाने की |
View my complete profile